New Bank Locker Charges: बड़ी खबर! नया बैंक लॉकर लेने के लिए आपको चुकाने पड़ सकते हैं ये 5 चार्ज, जानिए यहां

New Bank Locker Charges: यह लॉकर मुफ़्त में उपलब्ध नहीं है। इसके लिए आपको हर साल बैंक को लॉकर का किराया देना होगा। लेकिन ज्यादातर लोग यह नहीं जानते कि बैंक लॉकर पर किराया ही एकमात्र चार्ज नहीं है, बल्कि अलग-अलग परिस्थितियों में कुल 5 चार्ज लगाए जा सकते हैं।

New Bank Locker Charges: लॉकर की सुविधा कई बैंकों द्वारा दी जाती है। कई लोग अपनी जरूरी चीजों को सुरक्षित रखने के लिए इस सुविधा का फायदा उठाते हैं। इस लॉकर में लोग अपने जरूरी दस्तावेज, आभूषण या कोई अन्य कीमती सामान रखते हैं। यही कारण है कि इसे सेफ डिपॉजिट लॉकर भी कहा जाता है। हालाँकि, यह लॉकर मुफ़्त में उपलब्ध नहीं है। इसके लिए आपको हर साल बैंक को लॉकर का किराया देना होगा। लेकिन ज्यादातर लोग यह नहीं जानते कि बैंक लॉकर पर किराया ही एकमात्र चार्ज नहीं है, बल्कि अलग-अलग परिस्थितियों में कुल 5 चार्ज लगाए जा सकते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में।

New Bank Locker Charges: बैंक लॉकर पर लगते हैं ये 5 चार्ज
1- बैंक लॉकर पर सबसे अहम और जरूरी चार्ज ये है कि आपको लॉकर का किराया देना होता है।
2- बैंक में लॉकर की सुविधा लेते समय कई बैंकों में आपको वन टाइम रजिस्ट्रेशन शुल्क भी देना पड़ता है।
3- नियमों के तहत आपके लिए बैंक लॉकर देखने की कुछ सीमाएं तय की गई हैं। यदि आप उस सीमा से अधिक समय तक लॉकर देखने जाते हैं, तो आपको अतिरिक्त लॉकर देखने का शुल्क देना होगा।
4- अगर आप लॉकर का किराया चुकाने में देरी करते हैं तो आपको पेनल्टी समेत लॉकर का किराया देना होगा. इसका मतलब है कि आपको ओवरड्यू शुल्क अलग से देना होगा।
5- अगर किसी स्थिति में आपको लॉकर तोड़ना पड़े तो उसका भी चार्ज आपको देना होगा।

बैंक लॉकर में क्या रखा जा सकता है?
भारतीय रिजर्व बैंक के संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, मौजूदा लॉकर धारकों को भी एक संशोधित लॉकर समझौता करना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने संशोधित लॉकर समझौते की समय सीमा 31 दिसंबर 2023 तय की है। भारतीय स्टेट बैंक के मुताबिक, बैंक लॉकर का इस्तेमाल केवल वैध उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। इसमें आभूषण और दस्तावेज जैसी मूल्यवान चीजें संग्रहीत की जा सकती हैं, लेकिन नकदी और मुद्रा को इसमें संग्रहीत नहीं किया जा सकता है।

New Bank Locker Charges: बैंक लॉकर में कौन सी चीजें रखना वर्जित है?
भारतीय स्टेट बैंक की वेबसाइट के मुताबिक सबसे पहले तो आप लॉकर में कैश या करेंसी नहीं रख सकते। इसके अलावा किसी भी बैंक लॉकर में हथियार, विस्फोटक, ड्रग्स जैसी चीजें नहीं रखी जा सकतीं। अगर कोई सड़ने वाली वस्तु है तो उसे भी लॉकर में नहीं रखा जा सकता है। इतना ही नहीं बैंक लॉकर में कोई भी रेडियोधर्मी सामग्री या कोई भी अवैध चीज या ऐसी कोई भी चीज जो भारतीय कानून के मुताबिक प्रतिबंधित हो, उसे भी बैंक लॉकर में नहीं रखा जा सकता है। बैंक लॉकर में ऐसी कोई भी सामग्री नहीं रखी जा सकती, जिससे बैंक या उसके किसी ग्राहक को खतरा हो।

New Bank Locker Charges: बैंक लॉकर दो चाबियों से खुलता है
बैंक लॉकर खोलने के लिए दो चाबियों की आवश्यकता होती है। एक चाबी ग्राहक के पास और दूसरी बैंक मैनेजर के पास होती है। जब तक दोनों चाबियां नहीं लगेंगी, लॉकर नहीं खुलेगा। अब सवाल यह है कि अगर आपके बैंक लॉकर की चाबी खो जाए तो क्या होगा? बैंक लॉकर को लेकर क्या हैं नियम?

अगर बैंक लॉकर की चाबी खो गई है तो सबसे पहले आपको इसकी जानकारी बैंक को देनी होगी। साथ ही चाबी खोने की एफआईआर भी दर्ज करानी होगी। अगर आपके बैंक लॉकर की चाबी खो जाती है तो उस स्थिति में दो चीजें हो सकती हैं-

पहला ये कि बैंक आपके लॉकर के लिए नई चाबी जारी करे। इसके लिए बैंक डुप्लीकेट चाबी बनाएगा। हालाँकि, डुप्लीकेट चाबी बनाने में जोखिम यह है कि उस लॉकर की डुप्लीकेट चाबी बनाने वाला व्यक्ति भविष्य में कुछ गलत कर सकता है।

दूसरी स्थिति यह है कि बैंक आपको दूसरा लॉकर जारी करेगा और पहला लॉकर टूट जाएगा। लॉकर तोड़ने के बाद उसका सारा सामान दूसरे लॉकर में शिफ्ट कर दिया जाएगा और उसकी चाबी ग्राहक को दे दी जाएगी। हालांकि, लॉकर तोड़ने से लेकर दोबारा लॉकर ठीक कराने तक का पूरा खर्च ग्राहक को उठाना पड़ सकता है। ऐसे में कोशिश करें कि चाबी को बहुत सुरक्षित रखें।

लॉकर कैसे टूटा जाता है?
बैंक लॉकर की व्यवस्था ऐसी है कि खोलने से लेकर तोड़ने तक हर काम के दौरान ग्राहक और बैंक अधिकारी दोनों मौजूद रहते हैं। जब भी कोई ग्राहक बैंक जाकर अपना लॉकर खोलना चाहता है तो बैंक मैनेजर भी उसके साथ लॉकर रूम में जाता है। वहां के लॉकर में दो चाबियां हैं। एक चाबी ग्राहक के पास और दूसरी बैंक के पास होती है। जब तक दोनों चाबियां नहीं लगेंगी, लॉकर नहीं खुलेगा। लॉकर अनलॉक होने के बाद, बैंक अधिकारी कमरे से बाहर चला जाता है और ग्राहक पूरी गोपनीयता के साथ लॉकर में रखी वस्तुओं को देख, बदल या हटा सकता है।

इसी तरह, जब किसी बैंक लॉकर को तोड़ा जाता है तो वहां ग्राहक के साथ-साथ बैंक अधिकारी का भी होना जरूरी है। अगर लॉकर ज्वाइंट में लिया गया है तो वहां सभी सदस्यों का मौजूद रहना जरूरी है. अगर ग्राहक यह लिखकर देता है कि उसकी अनुपस्थिति में भी लॉकर तोड़ा जा सकता है तो ग्राहक के बिना भी लॉकर तोड़ा जा सकता है और उसमें रखे सामान को दूसरे लॉकर में शिफ्ट किया जा सकता है।

बैंक कब लॉकर ही तोड़ सकता है?
यदि किसी व्यक्ति पर कोई आपराधिक मामला चल रहा है और ऐसा प्रतीत होता है कि उस व्यक्ति ने अपने लॉकर में कुछ छिपाया है जो अपराध से संबंधित हो सकता है, तो लॉकर को तोड़ा जा सकता है। हालांकि, इस स्थिति में बैंक अधिकारियों के साथ पुलिस अधिकारियों का भी रहना जरूरी है।

एसबीआई के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति 3 साल तक अपने लॉकर का किराया नहीं चुकाता है तो बैंक लॉकर तोड़कर उसका किराया वसूल सकता है। अगर किसी ग्राहक का लॉकर 7 साल तक निष्क्रिय रहता है और ग्राहक का कोई पता नहीं चलता, भले ही उसका किराया आता रहे तो बैंक उस लॉकर को तोड़ सकता है।

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