Bank customers news: लावारिस जमा और निष्क्रिय पर आरबीआई की अधिसूचना के अनुसार, ‘यदि किसी खाते में दो साल से अधिक समय तक कोई लेनदेन नहीं हुआ है तो बचत और चालू खाते को निष्क्रिय माना जाना चाहिए।’
Bank customers news: अगर किसी बचत या चालू खाते में दो साल से अधिक समय तक कोई लेनदेन नहीं हुआ है, तो खाता निष्क्रिय या निष्क्रिय माना जाएगा। जिन खातों का उपयोग दो वर्ष से अधिक समय से नहीं किया गया है, उन्हें बैंकों द्वारा नोट किया जाएगा और अलग-अलग बहीखातों में रखा जाएगा।
लावारिस जमा और निष्क्रियता पर आरबीआई की अधिसूचना के अनुसार, ‘यदि खाते में दो साल से अधिक समय तक कोई लेनदेन नहीं हुआ है तो बचत और चालू खाते को निष्क्रिय माना जाना चाहिए। (Bank customers news) किसी खाते को ‘निष्क्रिय’ के रूप में वर्गीकृत करने के उद्देश्य से दोनों प्रकार के लेनदेन यानी ग्राहकों के साथ-साथ तीसरे पक्ष के अनुरोध पर किए गए डेबिट और क्रेडिट लेनदेन पर विचार किया जाना चाहिए।’
निष्क्रिय खाते को कैसे सक्रिय करें?
एचडीएफसी बैंक के अनुसार, ग्राहकों के लिए निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने की पूरी प्रक्रिया नीचे बताई गई है।
1- शाखा में जाएं और अपने हस्ताक्षर के साथ खाते के परिचालन निर्देशों के साथ लिखित आवेदन जमा करें।
2- पहचान और पते का स्वप्रमाणित प्रमाण जमा करें.
3- अगर आप इसके बाद कोई ट्रांजैक्शन करते हैं तो आपका अकाउंट एक बार फिर से एक्टिवेट हो जाएगा।
अकाउंट कैसे एक्टिवेट करें?
IDFC FIRST Bank के मुताबिक इसे एक्टिवेट करने की प्रक्रिया नीचे दी गई है।
आपको बैंक को एक लिखित आवेदन जमा करना होगा। संयुक्त खातों के लिए सभी खाताधारकों के हस्ताक्षर की आवश्यकता होगी।
आपको अपना केवाईसी (नो योर कस्टमर) दस्तावेज़ जमा करना होगा। पते का प्रमाण, पैन कार्ड और पहचान दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। इसके बाद अगर आप कोई ट्रांजैक्शन करते हैं तो अकाउंट दोबारा एक्टिवेट हो जाएगा।
निष्क्रिय खाते पर ब्याज दर
बचत बैंक खातों पर ब्याज नियमित आधार पर जमा किया जाएगा, चाहे खाता सक्रिय हो या नहीं। आरबीआई के अनुसार, सावधि जमा रसीद की परिपक्वता के बाद बैंक के पास लावारिस छोड़ी गई राशि और भुगतान नहीं की गई आय पर बचत बैंक दर पर ब्याज मिलेगा। वहीं, आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, ‘निष्क्रिय खाते को सक्रिय करने के लिए बैंक द्वारा कोई शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए।’